सरकार ने कारोबारियों और व्यापारियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। पुराने GST बकाया पर ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया गया है, जिससे व्यापारियों को 1.5 लाख रुपये तक की बचत हो सकती है। इसके अलावा, सरकार ने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा भी बढ़ा दी है। आइए जानते हैं इस फैसले के पीछे के कारण, किसे फायदा मिलेगा, और किन शर्तों का पालन करना होगा।
बकाया GST पर नहीं देना होगा ब्याज और जुर्माना
सरकार ने फैसला किया है कि जो करदाता 7 अक्टूबर तक अपने GST बकाया का भुगतान करेंगे, उन्हें ब्याज और जुर्माना नहीं देना होगा। यह फैसला उन कारोबारियों के लिए है जो किसी कारणवश अपने GST का भुगतान समय पर नहीं कर पाए थे। सरकार का यह कदम छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि कई कारोबारी आर्थिक तंगी के चलते GST बकाया का भुगतान नहीं कर पाए थे।
किन करदाताओं को मिलेगा फायदा?
- वे कारोबारी जिन्होंने अपने GST रिटर्न समय पर फाइल नहीं किए हैं।
- जो GST बकाया है, उसे 7 अक्टूबर 2024 तक जमा कर सकते हैं।
- सरकार के इस फैसले से कारोबारी अपने 1.5 लाख रुपये तक के जुर्माने से बच सकते हैं।
यह फैसला खासकर छोटे कारोबारियों और व्यापारियों के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि उन्हें अपने पुराने बकाया पर अतिरिक्त वित्तीय भार उठाने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
CBDT ने बढ़ाई टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा
टैक्स ऑडिट रिपोर्ट क्या है?
टैक्स ऑडिट रिपोर्ट एक आवश्यक दस्तावेज है, जिसे व्यापारियों और कारोबारियों को आयकर विभाग में जमा करना होता है। अगर आपका कारोबार एक निश्चित सीमा से अधिक का टर्नओवर करता है, तो टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करना अनिवार्य है।
1.5 लाख रुपये तक का जुर्माना बचाने का मौका
अगर कारोबारी 7 अक्टूबर तक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल नहीं करते हैं, तो उन्हें 1.5 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसलिए, यह उन कारोबारियों के लिए अंतिम मौका है जो अभी तक अपनी ऑडिट रिपोर्ट फाइल नहीं कर पाए हैं।
समयसीमा बढ़ाने के पीछे का कारण
COVID-19 महामारी और अन्य व्यावसायिक चुनौतियों के चलते कई कारोबारी अपने वित्तीय दायित्वों को समय पर पूरा नहीं कर पाए हैं। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है कि करदाताओं को थोड़ा और समय दिया जाए ताकि वे अपने बकाया का भुगतान कर सकें और जुर्माने से बच सकें।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का यह कदम व्यापारियों और कारोबारियों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है ताकि वे बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय बोझ के अपने GST और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की औपचारिकताएं पूरी कर सकें।
क्या हैं शर्तें?
हालांकि, इस फैसले का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना जरूरी है:
- GST बकाया और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दोनों को 7 अक्टूबर 2024 तक जमा करना अनिवार्य है।
- इस समयसीमा के बाद अगर करदाता अपना GST बकाया या ऑडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं करते हैं, तो उन्हें जुर्माना और ब्याज भरना होगा।
- जुर्माने की राशि 1.5 लाख रुपये तक हो सकती है, जो कारोबारी की आर्थिक स्थिति पर बड़ा असर डाल सकती है।
ऑनलाइन फाइलिंग की सुविधा
वर्तमान समय में, सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से GST रिटर्न और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की सुविधा प्रदान की है। कारोबारी GSTN पोर्टल पर लॉग इन करके अपना GST बकाया जमा कर सकते हैं। साथ ही, इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल कर सकते हैं।
ऑनलाइन फाइलिंग से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि यह प्रक्रिया को भी आसान बनाता है। सरकार ने इस संबंध में गाइडलाइंस भी जारी की हैं, जिन्हें कारोबारी फॉलो करके आसानी से अपना बकाया जमा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सरकार का यह फैसला कारोबारियों और व्यापारियों के लिए राहत भरा है। 7 अक्टूबर तक GST बकाया और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने से कारोबारियों को जुर्माने और ब्याज से राहत मिलेगी। अगर आप कारोबारी हैं और GST बकाया या टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं कर पाए हैं, तो यह आखिरी मौका है।
इसलिए, जल्द से जल्द अपना GST बकाया और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करें और सरकार की इस योजना का लाभ उठाएं।