राजस्थान नए जिलों को लेकर आया बड़ा अपडेट, कौनसे जिले हो सकते हैं रद्द? जानें वजह

Rajasthan New District Update: राजस्थान में बनाए गए 17 नए जिलों की समीक्षा के लिए गठित सेवानिवृत्त आईएएस ललित के. पंवार कमेटी की रिपोर्ट पर बीते सोमवार को कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में चर्चा हुई है। जिसमे नए जिलों को लेकर सूत्रों से अपडेट मिल रही है।

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Rajasthan New District Update

पूर्ववर्ती अशोक गहलोत की सरकार में बनाए गए 17 नए जिलों की समीक्षा के लिए गठित सेवानिवृत्त आईएएस ललित के. पंवार कमेटी की रिपोर्ट पर बीते सोमवार को कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में चर्चा हुई। सीएमओ में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा भी मौजूद रहे। हालांकि बैठक में जिले बढ़ाने और घटाने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया।

हालांकि बैठक में जिले बढ़ाने और घटाने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। लेकिन, यह संकेत जरूर मिले हैं कि कुछ जिलों में कटौती हो सकती है। संभावित तौर पर छोटे जिलों पर सरकार कैंची चला सकती है। कमेटी की अगली बैठक 15 दिन बाद होगी।

बैठक के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने छोटे जिलों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक विधानसभा क्षेत्र जितने इलाके को जिला बना दिया तो फिर तो राजस्थान में 200 जिले बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिलों के गठन में मापदंड तो तय होने ही चाहिए।

खासकर जनसंख्या को ध्यान में रखना चाहिए। जिलों को लेकर पंवार कमेटी ने क्या आधार बनाए हैं, क्या दूरी होनी चाहिए। इस पर बैठक में चर्चा हुई है, कुछ नए जिलों की भी मांग आ रही है। इन सब पर अगली बैठक में चर्चा होगी।

एक जिले पर 2000 करोड़ का खर्चा

मंत्री ने कहा कि एक जिले को बनाने में करीब 2000 करोड़ रुपए का खर्चा आता है। 2008 में प्रतापगढ़ जिला बना था। इतने साल बीतने के बावजूद भी वहां पर प्रशासनिक संसाधनों की कमी है। नए जिलों में भी इतनी सारी सहूलियत देने में 8 से 10 साल लग जाएंगे।

उन्होंने कहा कि राजस्थान की 7 करोड़ की जनसंख्या है, उसको प्रशासनिक इकाइयों के हिसाब से मेंटेन करना जरूरी है। जयपुर बड़ा जिला है, कोई छोटा जिला है तो बराबर कैसे हो जाएंगे।कई नए जिलों में लोगों ने विरोध भी किया है कि उन्हें इस जिले में गलत जोड़ा गया है।

इन छोटे जिलों को किया जा सकता है रद्द

इस बैठक के बाद माना जा रहा है कि दूदू, मालपुरा जैसे जिलों के सीमांकन में बदलाव करने की कवायद की जा सकती है। पूर्व सरकार ने मालपुरा को लेकर भी आचार संहिता लगने से पहले जिला बनाने की घोषणा की थी। संभव है कि दूदू के साथ मालपुरा को जोड़कर दूदू-मालपुरा नाम से बड़ा जिला बनाया जाए।

शाहपुरा को वापस से भीलवाड़ा में जोड़ा जा सकता है। वहीं, खैरथल तिजारा की जगह भिवाड़ी को जिला बनाया जा सकता है। केकड़ी, सलूम्बर, सांचोर को रद्द किया जा सकता है। इनके अलावा आकार के हिसाब से बांसवाड़ा को संभाग बनाने पर भी सवाल उठ रहे हैं।

इन 17 नए जिलों की होगी समीक्षा

कमेटी ने जिन जिलों का परीक्षण किया है उसमें अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली, बालोतरा, जयपुर शहर, खैरथल, ब्यावर, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर शहर, फलौदी, डीडवाना, सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर और शाहपुरा शामिल हैं। इसके अलावा राजस्थान में तीन नए संभाग बनाए गए हैं, जिनमें बांसवाड़ा, पाली और सीकर शामिल हैं, इनकी भी समीक्षा की गई है। हालांकि, पत्रावली में जोधपुर और जयपुर ग्रामीण नहीं होने से ये जिले समीक्षा के दायरे में नही आए हैं।

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