आजकल की आर्थिक ज़रूरतों को देखते हुए लोन लेना एक सामान्य प्रक्रिया बन गई है। चाहे घर खरीदना हो, गाड़ी लेनी हो या फिर किसी आपातकालीन परिस्थिति से निपटना हो, बैंक से लोन लेकर काम चलाया जाता है। लेकिन जब किसी कारणवश लोन की ईएमआई समय पर नहीं चुकाई जा पाती, तो इसका सीधा असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ता है।
सिबिल स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाने वाला स्कोर होता है, जो बैंक और फाइनेंशियल संस्थान इस बात का आकलन करने के लिए उपयोग करते हैं कि आपको भविष्य में लोन देना कितना सुरक्षित रहेगा। अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाए, तो भविष्य में आपको किसी भी प्रकार का लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना मुश्किल हो सकता है।
अगर आप भी ऐसी परिस्थिति में हैं जहां आप अपनी लोन की ईएमआई समय पर नहीं भर पा रहे हैं, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं चार ऐसे उपाय, जिन्हें अपनाकर आप न सिर्फ अपनी EMI समस्या को हल कर सकते हैं, बल्कि अपने सिबिल स्कोर को भी खराब होने से बचा सकते हैं।
1. बैंक मैनेजर से मिलकर करें खुलकर बात
अगर आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है और आप लोन की किश्त समय पर नहीं चुका पा रहे हैं, तो सबसे पहले जिस बैंक से आपने लोन लिया है, वहां के ब्रांच मैनेजर से बात करें। अपनी मौजूदा स्थिति उन्हें ईमानदारी से बताएं।
बैंक को स्पष्ट करें कि किस कारणवश आप भुगतान में असमर्थ हैं – जैसे नौकरी जाना, व्यापार में घाटा, मेडिकल इमरजेंसी आदि। साथ ही, यह भी बताएं कि आप जानबूझकर ईएमआई नहीं टाल रहे हैं, बल्कि यह आपके नियंत्रण से बाहर की स्थिति है।
बैंक अधिकारी इस बात को समझते हैं कि हर किसी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं। ऐसे में वे आपको पेनल्टी से राहत, कुछ समय की मोहलत या रीपेमेंट का नया प्लान भी ऑफर कर सकते हैं। इससे आपकी विश्वसनीयता बनी रहती है और CIBIL स्कोर पर भी असर नहीं पड़ता।
2. समय रहते पहल करें, तीसरी EMI बाउंस न होने दें
अक्सर लोग पहली या दूसरी EMI मिस कर देते हैं और सोचते हैं कि बैंक को बाद में सब बता देंगे। लेकिन यह बड़ी गलती हो सकती है। बैंक आमतौर पर किसी भी डिफॉल्ट की सूचना CIBIL को 90 दिन बाद भेजते हैं। यानी अगर आपने लगातार तीन महीने ईएमआई नहीं भरी, तो ही आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर असर पड़ेगा।
इसलिए अगर आपने एक या दो किश्तें मिस कर दी हैं, तो तीसरी किस्त बाउंस होने से पहले बैंक से संपर्क करें। इस समय तक अगर आप पहले की मिस हुई किश्तें चुका देते हैं, तो बैंक आपकी रिपोर्ट CIBIL को नहीं भेजेगा।
आप चाहें तो बैंक से रिक्वेस्ट कर सकते हैं कि वे नेगेटिव रिपोर्ट न भेजें। कई बार बैंक इस बात पर सहमत भी हो जाते हैं अगर ग्राहक की नीयत साफ हो और वे समाधान निकालने को तैयार हों।
3. EMI होल्ड का विकल्प चुनें
कुछ बैंक और NBFCs ऐसे ग्राहकों को EMI मोराटोरियम या होल्ड की सुविधा भी देते हैं, जिनका लोन भुगतान इतिहास अच्छा रहा है। यदि आपकी नौकरी चली गई है या कमाई का स्रोत अस्थायी रूप से बंद हो गया है, तो आप EMI होल्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए आपको बैंक में एक एप्लिकेशन देना होगा, जिसमें आपकी मौजूदा वित्तीय स्थिति और असमर्थता के कारणों का उल्लेख करना होगा। यदि बैंक आपकी परिस्थिति को जायज़ मानता है, तो वह कुछ महीनों के लिए आपकी EMI को होल्ड पर डाल सकता है।
इससे न केवल आपको आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि CIBIL स्कोर पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जब आपकी स्थिति सामान्य हो जाए, तो होल्ड की गई EMI को आप दोबारा भर सकते हैं।
4. एरियर EMI विकल्प अपनाएं
कई बार हमारी सैलरी का समय और EMI कटने का समय मेल नहीं खाता। जैसे कुछ लोगों को महीने के अंत में सैलरी मिलती है, लेकिन EMI हर महीने की 5 तारीख को कटती है। ऐसे में खाते में बैलेंस नहीं होने के कारण EMI बाउंस हो जाती है।
इस समस्या से बचने के लिए आप बैंक से संपर्क करके एरियर EMI का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें EMI कटने की तारीख को आपकी सैलरी के अनुसार समायोजित किया जाता है। इससे आप समय पर EMI भर पाएंगे और आपका सिबिल स्कोर भी सुरक्षित रहेगा।
अतिरिक्त सुझाव: नई लोन लेने से बचें
जब लोग एक लोन की EMI नहीं भर पाते, तो अक्सर वे दूसरा लोन लेकर पहला लोन चुकाने की गलती कर बैठते हैं। इससे स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है क्योंकि आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं।
इसके बजाय आप इन उपायों को अपनाएं:
- खर्चों में कटौती करें
- फालतू की सेवाओं की सदस्यता बंद करें
- कोई निवेश है तो उसे भुनाने पर विचार करें
- परिवार के सहयोग से समाधान निकालें
EMI न भरने से जुड़ी कानूनी और वित्तीय जटिलताएं
अगर आप लंबे समय तक EMI नहीं भरते हैं, तो बैंक लिगल नोटिस, रिकवरी एजेंट या कोर्ट केस तक जा सकता है। इससे आपकी मानसिक शांति भी भंग होगी और सामाजिक छवि पर भी असर पड़ेगा। इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड, कार लोन, होम लोन, यहां तक कि मोबाईल EMI तक भविष्य में मिलना बंद हो सकता है।
इसलिए लोन की समस्या को नजरअंदाज न करें। समय पर कार्रवाई करें और पारदर्शिता के साथ बैंक से बातचीत करें।
निष्कर्ष
लोन की EMI भरने में असमर्थता एक सामान्य आर्थिक संकट हो सकता है, लेकिन अगर आप समय पर समझदारी से निर्णय लें, तो इससे बचा जा सकता है।
बैंक से खुलकर बात करना, समय रहते पहल करना, EMI होल्ड करवाना और एरियर EMI की सुविधा लेना – ये चार कदम आपको न केवल इस संकट से निकाल सकते हैं, बल्कि आपके CIBIL स्कोर को भी खराब होने से बचा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. एक EMI बाउंस होने पर क्या सिबिल स्कोर खराब हो जाता है?
नहीं, पहली या दूसरी EMI बाउंस होने से तुरंत सिबिल स्कोर खराब नहीं होता। लेकिन लगातार 90 दिन तक भुगतान न करने पर इसका असर पड़ता है।
Q. क्या EMI होल्ड करने की सुविधा सभी बैंकों में मिलती है?
नहीं, यह बैंक की नीति और आपके लोन इतिहास पर निर्भर करता है। अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ग्राहकों को यह सुविधा मिल सकती है।
Q. अगर सैलरी देर से आती है तो क्या किया जा सकता है?
आप बैंक से एरियर EMI की सुविधा ले सकते हैं, जिससे EMI कटने की तारीख को आपकी सैलरी के अनुसार समायोजित किया जाएगा।
Q. क्या दूसरी जगह से लोन लेकर पहली EMI चुकाना ठीक है?
नहीं, इससे आपकी समस्या और बढ़ सकती है। बेहतर होगा कि खर्चों में कटौती कर या निवेश से भुगतान करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना उचित रहेगा।
अगर यह लेख उपयोगी लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वे भी वित्तीय संकट से उबर सकें और अपना सिबिल स्कोर खराब होने से बचा सकें।