बैंक क्यों नहीं देते कभी गरीबों को लोन? | बैंक की ये मजबूरी 99% लोगों को नहीं पता

यदि आप भी कभी बैंक से लोन लेने की कोशिश कर चुके हैं, खासकर जब आपके पास साधन कम हों, तो आपने महसूस किया होगा कि बैंक लोन देने में संकोच करते हैं। विशेष रूप से, गरीब वर्ग और निम्न-मध्यम वर्ग के लोग यह शिकायत करते हैं कि उन्हें लोन क्यों नहीं मिलता। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर क्यों बैंक गरीबों को लोन नहीं देते, और इसके पीछे की कुछ वास्तविक कारणों पर चर्चा करेंगे। इस लेख में हम आपको बैंक लोन प्राप्त करने के लिए जरूरी टिप्स भी देंगे, जो आपकी मदद कर सकते हैं।

बैंक लोन देने से क्यों कतराते हैं?

  1. क्रेडिट स्कोर का महत्व: बैंक लोन की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका क्रेडिट स्कोर की होती है। यह एक ऐसा स्कोर होता है, जो आपके पुराने लोन और ऋणों की चुकौती की आदतों पर आधारित होता है। गरीब वर्ग के पास सतत आय या किसी स्थिर रोजगार की कमी होती है, जिससे उनका क्रेडिट स्कोर सामान्यत: कमजोर होता है। इस वजह से बैंक उन्हें लोन देने में संकोच करते हैं, क्योंकि उधारी की चुकौती में जोखिम हो सकता है।

  2. आवश्यक दस्तावेजों की कमी: लोन प्राप्त करने के लिए बैंक को कई दस्तावेजों की जरूरत होती है, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, और बैंक खाता विवरण। गरीब वर्ग के पास इन दस्तावेजों का अभाव होता है, जो लोन प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न करते हैं। इसके अलावा, कागजी काम की अधिकता भी लोन प्रक्रिया को लंबा और जटिल बनाती है, जिससे गरीबों के लिए यह और भी कठिन हो जाता है।

  3. अचल संपत्ति या गारंटी की कमी: बैंक को लोन देने से पहले यह सुनिश्चित करना होता है कि वे उस लोन की राशि वापस प्राप्त कर सकें। इसके लिए उन्हें गारंटी या अचल संपत्ति की आवश्यकता होती है। गरीब वर्ग के पास यह संपत्ति नहीं होती, जिससे बैंक को लगता है कि लोन की वापसी में जोखिम हो सकता है। इसके कारण वे लोन देने से बचते हैं।

  4. ऋण चुकता करने की क्षमता: गरीबों के पास स्थिर आय का स्रोत नहीं होता, और उनकी आमदनी अस्थिर रहती है। जब व्यक्ति का आय स्थिर नहीं है, तो बैंक को यह डर होता है कि वह व्यक्ति लोन की किस्तें समय पर चुकता नहीं कर पाएगा। यही कारण है कि गरीबों को लोन देने में बैंक हिचकिचाते हैं, क्योंकि चुकौती की असफलता से बैंक को नुकसान हो सकता है।

  5. सामाजिक और आर्थिक स्थिति: गरीब वर्ग के लोग आमतौर पर रोज़गार की अस्थिरता और आर्थिक समस्याओं का सामना करते हैं। उनकी सामाजिक स्थिति, जैसे कि वे कहां रहते हैं और उनका जीवन स्तर क्या है, भी लोन स्वीकृति को प्रभावित करता है। अगर किसी व्यक्ति का जीवन स्तर निचला है और वह खुद को वित्तीय रूप से सुरक्षित महसूस नहीं करता है, तो बैंक उसे लोन देने में संकोच करते हैं।

बैंक की यह मजबूरी 99% लोगों को नहीं पता

अब तक आपने समझ लिया कि बैंक क्यों गरीबों को लोन नहीं देते, लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे बैंक की कुछ मजबूरी भी होती है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं?

  1. ऋण पुनर्प्राप्ति (Recovery) प्रक्रिया: बैंक के लिए सबसे बड़ा मुद्दा ऋण पुनर्प्राप्ति होता है। जब एक व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता, तो बैंक को उस लोन की वसूली करना होती है। अगर वसूली की प्रक्रिया लंबी और कठिन होती है, तो बैंक को बड़ा वित्तीय नुकसान हो सकता है। इसलिए बैंक की प्राथमिकता ऐसे व्यक्तियों को लोन देना होती है, जिनकी वसूली प्रक्रिया सरल और सुनिश्चित होती है। गरीब वर्ग के लिए यह प्रक्रिया कठिन हो सकती है।

  2. गैर-निष्पादित ऋण (Non-Performing Assets – NPA): भारत में, कई बार गरीब वर्ग के द्वारा लिया गया लोन गैर-निष्पादित ऋण (NPA) बन जाता है। इसका मतलब है कि उधार लिया गया पैसा समय पर वापस नहीं आता और बैंक के लिए यह आर्थिक संकट बन सकता है। यह कारण भी है कि बैंक गरीबों को लोन देने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि NPA का स्तर बढ़ने से बैंक की साख पर असर पड़ता है

  3. बैंक की नीति और सरकारी दबाव: कई बैंक अपनी ऋण देने की नीति के तहत गरीबों को लोन नहीं देते। इसके अलावा, सरकार की तरफ से नीतिगत दबाव भी हो सकता है कि बैंक सुरक्षित लोन पर अधिक ध्यान दें। इससे बैंक गरीबों के लिए लोन देना जोखिमपूर्ण मानते हैं और इससे बचते हैं।

गरीबों को लोन मिलने के तरीके

हालांकि, कई बार गरीबों को लोन मिलना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ उपाय हैं जिन्हें अपनाकर वे लोन प्राप्त कर सकते हैं:

  1. सरकारी योजनाएं: भारतीय सरकार ने गरीबों के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, और नरेगा लोन। इन योजनाओं के तहत, गरीब लोग बिना किसी गारंटी के लोन प्राप्त कर सकते हैं।

  2. समाजसेवी संस्थाओं से सहायता: कई एनजीओ और समाजसेवी संस्थाएं गरीबों को लोन दिलवाने में मदद करती हैं। वे बैंक के साथ सहयोग करके गरीबों को लोन दिलवाती हैं।

  3. सहकारी बैंक: सहकारी बैंकों के पास अक्सर गरीबों के लिए लोन की सुविधाएं होती हैं। इन बैंकों में ब्याज दरें कम होती हैं और यह ज्यादा लचीलापन दिखाते हैं।

निष्कर्ष

बैंक गरीबों को लोन क्यों नहीं देते इसका कारण केवल बैंक की नीति और सुरक्षा की चिंता है। जबकि गरीब वर्ग की आर्थिक स्थिति को देखकर बैंक कुछ हद तक जोखिम महसूस करते हैं, लेकिन सरकार और कुछ निजी संस्थाएं गरीबों के लिए लोन देने की प्रक्रिया को आसान बनाने का प्रयास कर रही हैं। इस प्रकार, गरीब वर्ग को लोन प्राप्त करने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

आपको यदि लोन प्राप्त करने में कोई समस्या हो, तो सरकारी योजनाओं या सहकारी बैंकों का रुख करें, जहां आपको और भी सरल प्रक्रिया से लोन मिल सकता है।

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