SBI और HDFC Bank ने ग्राहकों को दिया झटका: क्रेडिट कार्ड और लोन पर बढ़ी मुश्किलें

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देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक State Bank of India (SBI) और प्राइवेट सेक्टर की अग्रणी बैंक HDFC Bank ने अपने ग्राहकों के लिए त्योहारों के सीजन में बड़ा झटका दिया है। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से।

SBI के नए क्रेडिट कार्ड नियम

State Bank of India (SBI) ने 1 नवंबर 2024 से अपने क्रेडिट कार्ड के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। इन बदलावों का सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा, जो SBI के क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं। SBI ने कुछ नए चार्जेज और शुल्क लागू किए हैं, जो अब क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए अतिरिक्त बोझ बन सकते हैं।

1. कैश एडवांस फीस में बदलाव

SBI ने अपने क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए कैश एडवांस फीस में बदलाव किया है। पहले जहां यह फीस कम थी, अब इसे बढ़ा दिया गया है। यह शुल्क अब अधिकतम 2.5% (न्यूनतम ₹500) होगा। यह बदलाव खास तौर पर उन ग्राहकों पर असर डालेगा, जो अपने क्रेडिट कार्ड से नकदी निकालने का उपयोग करते हैं।

2. प्रोसेसिंग फीस में इजाफा

SBI ने क्रेडिट कार्ड पर प्रोसेसिंग फीस भी बढ़ा दी है। यह बदलाव खास तौर पर EMI ट्रांजेक्शन पर लागू होगा। अब क्रेडिट कार्ड से की गई EMI ट्रांजेक्शन पर प्रोसेसिंग फीस ज्यादा होगी, जिससे ग्राहकों की EMI महंगी हो जाएगी। यह नया नियम 1 नवंबर से लागू होगा और ग्राहक इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते।

HDFC Bank ने बढ़ाया लोन पर ब्याज दर

HDFC Bank ने भी अपने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। बैंक ने अपने MCLR (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate) में बढ़ोतरी की है, जिससे कार लोन और होम लोन लेने वाले ग्राहकों को अब ज्यादा EMI चुकानी पड़ेगी। त्योहारों के सीजन में यह बढ़ोतरी ग्राहकों की जेब पर भारी पड़ेगी।

MCLR में इजाफा

HDFC Bank ने MCLR की दरों में 10 से 25 बेसिस पॉइंट्स तक की वृद्धि की है। इसका मतलब यह है कि अब बैंक के ग्राहकों को होम लोन और कार लोन पर ज्यादा ब्याज दर चुकानी होगी। अगर आपने पहले से लोन लिया है, तो आपकी EMI भी बढ़ जाएगी, और अगर आप नया लोन लेने का सोच रहे हैं, तो वह भी महंगा हो जाएगा।

त्योहारों में क्यों किया बदलाव?

बैंकों द्वारा ब्याज दरों में इस तरह की बढ़ोतरी आमतौर पर फंड्स की लागत बढ़ने और ब्याज दरों में बदलाव के कारण की जाती है। SBI और HDFC Bank ने यह बदलाव इसलिए किया ताकि वे अपनी लागत को कवर कर सकें और बढ़ते फाइनेंशियल मार्केट में अपने प्रॉफिट को बनाए रख सकें। हालांकि, ग्राहकों के लिए यह बदलाव उत्सव के समय में चिंता का विषय बन सकता है।

क्या है इसका प्रभाव?

  1. उच्च EMI: बढ़ी हुई ब्याज दरों के चलते ग्राहकों को अब ज्यादा EMI चुकानी पड़ेगी। यह उन ग्राहकों के लिए खासतौर पर मुश्किल भरा हो सकता है, जो पहले से ही अपने मासिक बजट में तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहे हैं।
  2. क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में कमी: SBI द्वारा नए चार्जेज और शुल्क लगाए जाने से अब कई ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कम कर सकते हैं, खासकर कैश एडवांस फीचर का उपयोग।
  3. फाइनेंशियल प्लानिंग पर असर: त्योहारों के सीजन में जहां लोग अपनी खरीदारी और नई संपत्तियों की योजना बनाते हैं, वहीं इन बढ़ी हुई दरों और नए नियमों से उनकी फाइनेंशियल प्लानिंग पर गहरा असर पड़ेगा।

क्या करें ग्राहक?

  1. वित्तीय स्थिति का पुनर्मूल्यांकन: ग्राहकों को अपनी वित्तीय स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे इन बढ़ी हुई दरों के साथ लोन और क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर सकें।
  2. अन्य विकल्पों की तलाश करें: अगर आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो आप अन्य बैंकों के ऑफर्स की तुलना कर सकते हैं। कई बैंक त्योहारों के दौरान खास ऑफर भी देते हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं।
  3. क्रेडिट कार्ड का समझदारी से उपयोग करें: SBI के नए नियमों को ध्यान में रखते हुए, आपको अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग समझदारी से करना चाहिए और जहां तक संभव हो, अतिरिक्त चार्जेज से बचने की कोशिश करें।

निष्कर्ष

SBI और HDFC Bank द्वारा किए गए ये बदलाव ग्राहकों के लिए चिंता का विषय हो सकते हैं। जहां एक ओर SBI ने अपने क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव कर दिया है, वहीं दूसरी ओर HDFC Bank ने अपने लोन को महंगा कर दिया है। ऐसे में ग्राहकों को अपनी वित्तीय स्थिति का ध्यान रखते हुए सही निर्णय लेना चाहिए।

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