हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे ग्राहकों को राहत मिलने वाली है। इस नए नियम के तहत, अगर किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती होती है और उसे सही करने में 30 दिन से अधिक का समय लगता है, तो संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था को ग्राहक को मुआवजा देना होगा। यह नया नियम उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है जो गलत क्रेडिट रिपोर्ट के कारण परेशान होते हैं।
गलत क्रेडिट रिपोर्ट की समस्या
आमतौर पर देखा जाता है कि बैंक या वित्तीय संस्थान (NBFCs) द्वारा किसी ग्राहक के लोन या अन्य जानकारी को गलत तरीके से क्रेडिट रिपोर्ट में अपडेट कर दिया जाता है। इससे ग्राहक का क्रेडिट स्कोर (Credit Score) खराब हो जाता है और उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब ग्राहक अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को सही कराने की कोशिश करता है, क्योंकि इसमें कई बार महीनों का समय लग जाता है।
RBI का नया नियम
RBI ने इस समस्या को हल करने के लिए एक नया नियम लागू किया है। इसके तहत, अगर कोई क्रेडिट इंस्टीट्यूशन किसी ग्राहक की गलत क्रेडिट रिपोर्ट को सही करने में 30 दिनों से अधिक का समय लेता है, तो उस ग्राहक को मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि अगर बैंक या NBFC इस प्रक्रिया में देरी करता है, तो उसे प्रति दिन के हिसाब से ग्राहक को 100 रुपये का मुआवजा देना होगा।
मुआवजा कैसे और किसे मिलेगा?
अगर कोई ग्राहक अपनी गलत क्रेडिट रिपोर्ट की शिकायत दर्ज करता है, तो क्रेडिट इंस्टीट्यूशन को 21 कैलेंडर दिनों के भीतर उस रिपोर्ट को सही करना होगा और उसे क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी (Credit Information Company) के पास भेजना होगा। अगर यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो ग्राहक को मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा संबंधित क्रेडिट इंस्टीट्यूशन द्वारा ग्राहक को दिया जाएगा, जो इस देरी के लिए जिम्मेदार होगा।
क्रेडिट रिपोर्ट चेक पर मिलेगा अलर्ट
इसके अलावा, RBI ने यह भी निर्देश दिया है कि जब भी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक की जाती है, तो उसे इसकी सूचना SMS और ईमेल के माध्यम से दी जानी चाहिए। यह अलर्ट क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी और संबंधित क्रेडिट इंस्टीट्यूशन द्वारा भेजा जाएगा, जिससे ग्राहक को पता चल सकेगा कि उनकी क्रेडिट रिपोर्ट किसने और कब चेक की है।
क्यों है यह नियम ग्राहकों के लिए फायदेमंद?
- गलत जानकारी से बचाव: इस नए नियम से ग्राहक अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में दी गई गलत जानकारी को सही कराने में होने वाली देरी से बच सकेंगे।
- मुआवजे का प्रावधान: अगर बैंक या NBFC सही जानकारी अपडेट करने में देरी करता है, तो ग्राहक को मुआवजा मिलेगा। यह एक सकारात्मक कदम है जो ग्राहकों को सुरक्षा प्रदान करता है।
- क्रेडिट स्कोर की सुरक्षा: गलत क्रेडिट स्कोर के कारण ग्राहकों को लोन लेने में समस्या होती है। नए नियम से ग्राहक अपने Credit Score को सही रख सकेंगे।
- ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी: SMS और ईमेल अलर्ट के माध्यम से ग्राहकों को उनकी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच के बारे में तुरंत जानकारी मिलेगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
निष्कर्ष
RBI द्वारा उठाया गया यह कदम ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे न केवल ग्राहकों को उनकी गलत क्रेडिट रिपोर्ट सही कराने में मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें मुआवजे का भी लाभ मिलेगा। यह नया नियम क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस को भी जिम्मेदार बनाएगा और उन्हें ग्राहकों की शिकायतों का समय पर समाधान करने के लिए बाध्य करेगा। इसके साथ ही, क्रेडिट रिपोर्ट से संबंधित SMS और ईमेल अलर्ट से ग्राहकों को तुरंत जानकारी मिल सकेगी, जिससे उन्हें अपनी क्रेडिट हिस्ट्री की निगरानी करना आसान होगा।